Zameen Chal Rahi He - Part - 2

ज़मीं चल रही, आसमाँ चल रहा है
ज़मीं चल रही, आसमाँ चल रहा है
ये किसके इशारे जहाँ चल रहा है?
ज़मीं चल रही, आसमाँ चल रहा है
ये किसके इशारे जहाँ चल रहा है?
ज़मीं चल रही, आसमाँ चल रहा है

अजब है ये महफ़िल, अजब दास्ताँ है
अजब है ये महफ़िल, अजब दास्ताँ है
ना मंज़िल है कोई, ना कोई निशाँ है
ना मंज़िल है कोई, ना कोई निशाँ है

तो फिर किसलिए कारवाँ चल रहा है?
तो फिर किसलिए कारवाँ चल रहा है?

ये किसके इशारे जहाँ चल रहा है?
ज़मीं चल रही, आसमाँ चल रहा है
ये किसके इशारे जहाँ चल रहा है?
ज़मीं चल रही, आसमाँ चल रहा है

भटकते तो देखे हज़ारों सयाने
भटकते तो देखे हज़ारों सयाने
मगर राज़ क़ुदरत का कोई ना जाने
मगर राज़ क़ुदरत का कोई ना जाने

ये सब सिलसिला बे-निशाँ चल रहा है
ये सब सिलसिला बे-निशाँ चल रहा है

ये किसके इशारे जहाँ चल रहा है?
ज़मीं चल रही, आसमाँ चल रहा है
ये किसके इशारे जहाँ चल रहा है?
ज़मीं चल रही, आसमाँ चल रहा है



Credits
Writer(s): Rajinder Krishan, Chitalkar Ramchandra
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