Ham Bhi Kaash Kunware Hote

कहीं मंगनी की बातें हैं
कहीं शादी का चर्चा है
मगर अंदर ही अंदर से
हमारा दिल ये कहता है, क्या?

हम भी काश कुँवारे होते
हम भी काश कुँवारे होते
दुनिया-भर में जितने हसीं हैं
सब की नज़र में प्यारे होते

हम भी काश कुँवारे होते
हम भी काश कुँवारे होते

हमें भी हुस्न वालों की हज़ारों चिट्ठियाँ आती
कई फोटों भी आते, साथ उनके अर्ज़ियाँ आती
कोई लिखता, मेरे प्यारे, मुझे तुम से मोहब्बत है
कोई लिखता, मुझे तुम जैसे शौहर की ज़रूरत है

कोई लिखता कि मेरी मद-भरी आँखें नशीली हैं
कोई लिखता कि ज़ुल्फ़ें मेरी पौने-तीन गज़ की हैं
कोई अफ़साना लिखता आशिक़ी की पहली मंज़िल का
तो कोई भेजता काग़ज़ पे नक़्शा खेंच कर दिल का

गरज़ के कैसी-कैसी बहारें आती
कैसे-कैसे नज़ारे होते

हम भी काश कुँवारे होते
हम भी काश कुँवारे होते

हुई है जब से शादी, पड़ गए हैं हम तो मुश्किल में
कहें किस से, तड़पती हैं हज़ारों हसरतें दिल में
मोहब्बत का कोई नग़्मा ज़ुबाँ पर ला नहीं सकते
किसी रंगीन महफ़िल में अकेले जा नहीं सकते

किसी के हुस्न की तारीफ़ भी हम कर नहीं सकते
किसी दिल-फेंक शायर की ग़ज़ल भी हम पढ़ नहीं सकते
किसी को आँख उठा कर देखना भी अब क़यामत है
ख़बर हो जाए बीवी को तो फिर समझो हजामत है, हाय-हाय

घर में ना होती बीवी तो, यारों
हम भी कहीं दिल हारे होते

हम भी काश कुँवारे होते
हम भी काश कुँवारे होते
दुनिया-भर में जितने हसीं हैं
सब की नज़र में प्यारे होते

हम भी काश कुँवारे होते
हम भी काश कुँवारे होते



Credits
Writer(s): Ravi Shankar Sharma, Shakeel Badayuni
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