Nigahe - Shauk Se Keh Do Humen

निगाह-ए-शौक़ से कह दो हमें सलाम करे
(निगाह-ए-शौक़ से कह दो हमें सलाम करे)
(हमारे इश्क़ की दुनिया का एहतिराम करे)
(निगाह-ए-शौक़ से कह दो हमें सलाम करे)
(क़दम के साथ ज़रा हुस्न से कलाम करे)
(निगाह-ए-शौक़ से...)

हम ही ने तुमको गुज़ारा है दिल की राहों से
(हम ही ने तुमको गुज़ारा है दिल की राहों से)

शोख़ी भरी नज़रों को है हया हमने सिखाई
मासूम अदाओं को जफ़ा हमने सिखाई
ये नाज़, ये अंदाज़, ये ग़म्ज़ा, ये तबस्सुम
जो बात सिखाई बा-ख़ुदा हमने सिखाई

(हम ही ने तुमको गुज़ारा है दिल की राहों से)
(हम ही ने तुमको गुज़ारा है दिल की राहों से))
जो हम ना देखें मोहब्बत भरी निगाहों से
(जो हम ना देखें मोहब्बत भरी निगाहों से)

अजी, तो कौन दुनिया में ऊँचा तुम्हारा नाम करे?
(क़दम के साथ ज़रा हुस्न से कलाम करे)
(निगाह-ए-शौक़ से कह दो हमें सलाम करे)
(निगाह-ए-शौक़ से...)

हमारे दम पे ही, दुनिया, ये इश्क़ है क़ायम
(हमारे दम पे, दुनिया, ये इश्क़ है क़ायम)

उठाते हैं क़यामत छेड़ कर हम दिल के तारों को
सुकून-ए-दिल भी मिलता है हम ही से बेक़रारों को
हमारी कुछ ना पूछो, हम हैं मालिक अपनी मर्ज़ी के
बनाते हैं हज़ारों को, मिटाते हैं हज़ारों को

(हमारे दम से ही, दुनिया, ये इश्क़ है क़ायम)
(हमारे दम पे, दुनिया, ये इश्क़ है क़ायम)
जो हम अदा को ना टोकें तो लूट ले, ज़ालिम
(जो हम अदा को ना टोकें तो लूट ले, ज़ालिम)

और...
जो हम-नज़र को ना रोकें तो क़त्ल-ए-'आम करें
(जो हम-नज़र को ना रोकें तो क़त्ल-ए-'आम करें)
हो, जी क़त्ल-ए-'आम करें, (हाँ-हाँ, जी क़त्ल-ए-'आम करें)
(आए-हाए, जी क़त्ल-ए-'आम करें)

(निगाह-ए-शौक़ से कह दो हमें सलाम करे)

मिली है हमसे ही क़ातिल अदा हसीनों को
(मिली है हमसे ही क़ातिल अदा हसीनों को)
(मिली है हमसे ही क़ातिल अदा हसीनों को)

निगाह-ए-इश्क़ ना करतीं जो इंतिख़ाब तुम्हें
तो कौन कहता ज़माने में लाजवाब तुम्हें?
तुम अपनी ज़िद में हमारे करम को मत भूलो
दिया है हमने ही ये हुस्न, ये शबाब तुम्हें

(मिली है हमसे ही क़ातिल अदा हसीनों को)
(मिली है हमसे ही क़ातिल अदा हसीनों को)
दुआएँ दीजे हमारे धड़कते सीनों को
(दुआएँ दीजे हमारे धड़कते सीनों को)

जो हम ना हों तो, आ
जो हम ना हों तो मोहब्बत का, हाँ, क़याम करें
(जो हम ना हों तो मोहब्बत का, हाँ, क़याम करें)
(अदब के साथ ज़रा हुस्न से कलाम करें)

(निगाह-ए-शौक़ से कह दो हमें सलाम करे)
(निगाह-ए-शौक़ से...)

वो कौन है कि जिसे नाज़ है मोहब्बत पर?
(वो कौन है कि जिसे नाज़ है मोहब्बत पर?)
(वो कौन है कि जिसे नाज़ है मोहब्बत पर?)

नयी दुनिया में कैसे इश्क़ वाले हैं, ख़ुदा जाने
भुला बैठें हैं जो दिल से वफ़ादारी के अफ़साने
नज़र आता है कम जोश-ए-मोहब्बत जाँ-निसारों में
के अब जलते नहीं बेहोश हो जाते हैं परवाने

(वो कौन है कि जिसे नाज़ है मोहब्बत पर?)
(वो कौन है कि जिसे नाज़ है मोहब्बत पर?)
हमारी नज़्म में मिलती है ज़िंदगी मिटकर
(हमारी नज़्म में मिलती है ज़िंदगी मिटकर)

जो जीना चाहें, आ
जो जीना चाहें वो मरने का इंतज़ाम करें
(जो जीना चाहें वो मरने का इंतज़ाम करें)
मरने का इंतज़ाम करें, (हाँ-हाँ, जी इंतज़ाम करें)
(हाय-हाय, जी इंतज़ाम करें)

(निगाह-ए-शौक़ से कह दो हमें सलाम करे)
(निगाह-ए-शौक़ से कह दो हमें सलाम करे)
(निगाह-ए-शौक़ से...)



Credits
Writer(s): Ravi Shankar Sharma, Shakeel Badayuni
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