Chaudhvin Ka Chand Ho LoFi

चौदहवीं का चाँद हो या आफ़ताब हो?
जो भी हो तुम, ख़ुदा की क़सम लाजवाब हो
चौदहवीं का चाँद हो या आफ़ताब हो?
जो भी हो तुम, ख़ुदा की क़सम लाजवाब हो
चौदहवीं का चाँद हो...

ज़ुल्फ़ें हैं जैसे काँधों पे बादल झुके हुए
आँखें हैं जैसे मय के प्याले भरे हुए

मस्ती है जिसमें प्यार की तुम वो शराब हो
चौदहवीं का चाँद हो...



Credits
Writer(s): Shankar Sharma Ravi, Shakeel Badayuni
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