Chand Si Mehbooba Ho Meri LoFi

चाँद सी महबूबा हो मेरी
कब ऐसा मैंने सोचा था
हाँ, तुम बिल्कुल वैसी हो
जैसा मैंने सोचा था

चाँद सी महबूबा हो मेरी
कब ऐसा मैंने सोचा था
हाँ, तुम बिल्कुल वैसी हो
जैसा मैंने सोचा था

ना क़स्में हैं, ना रस्में हैं
ना शिकवे हैं, ना वादे हैं
ना क़स्में हैं, ना रस्में हैं
ना शिकवे हैं, ना वादे हैं

एक सूरत भोली-भाली है
दो नैना सीधे-सादे हैं
दो नैना सीधे-सादे हैं

ऐसा ही रूप ख़यालों में था
जैसा मैंने सोचा था
हाँ, तुम बिल्कुल वैसी हो
जैसा मैंने सोचा था



Credits
Writer(s): Anand Bakshi, Anandji V Shah, Kalyanji Virji Shah
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