Koi Shahri Babu

कोई सहरी बाबू, दिल लहरी बाबू
हाय रे, पग बाँध गया घुँघरू
ਮੈਂ ਛਮ-ਛਮ ਨੱਚਦੀ ਫਿਰਾਂ

कोई सहरी बाबू, दिल-लहरी बाबू
हाय रे, पग बाँध गया घुँघरू
ਮੈਂ ਛਮ-ਛਮ ਨੱਚਦੀ ਫਿਰਾਂ

मैं तो चलूँ हौले-हौले, फिर भी मन डोले
ਹਾਏ ਵੇ, ਮੇਰੇ ਰੱਬਾ, ਮੈਂ ਕੀ ਕਰਾਂ?
ਮੈਂ ਛਮ-ਛਮ ਨੱਚਦੀ ਫਿਰਾਂ

कोई सहरी बाबू, दिल लहरी बाबू
हाय रे, पग बाँध गया घुँघरू
ਮੈਂ ਛਮ-ਛਮ ਨੱਚਦੀ ਫਿਰਾਂ

पनघट पे मैं कम जाने लगी, नटखट सी मैं शर्माने लगी
पनघट पे मैं कम जाने लगी, नटखट सी मैं शर्माने लगी
धड़कन से मैं घबराने लगी, दर्पन से मैं कतराने लगी

मन खाए हिचकोले, ऐसे जैसे नैया डोले
ਹਾਏ ਵੇ, ਮੇਰੇ ਰੱਬਾ, ਮੈਂ ਕੀ ਕਰਾਂ?
ਮੈਂ ਛਮ-ਛਮ ਨੱਚਦੀ ਫਿਰਾਂ

कोई सहरी बाबू, दिल लहरी बाबू
हाय रे, पग बाँध गया घुँघरू
ਮੈਂ ਛਮ-ਛਮ ਨੱਚਦੀ ਫਿਰਾਂ

सपनों में चोरी से आने लगा, रातों की निंदिया चुराने लगा
सपनों में चोरी से आने लगा, रातों की निंदिया चुराने लगा
नैनों की डोली बिठा के मुझे लेके बहुत दूर जाने लगा

मेरे घुँघटा को खोले, मीठे-मीठे बोल बोले
ਹਾਏ ਵੇ, ਮੇਰੇ ਰੱਬਾ, ਮੈਂ ਕੀ ਕਰਾਂ?
ਮੈਂ ਛਮ-ਛਮ ਨੱਚਦੀ ਫਿਰਾਂ

कोई सहरी बाबू, दिल लहरी बाबू
हाय रे, पग बाँध गया घुँघरू
ਮੈਂ ਛਮ-ਛਮ ਨੱਚਦੀ ਫਿਰਾਂ



Credits
Writer(s): Anand Bakshi, Laxmikant Pyarelal
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