Hungama Ho Gaya

हाँ हाँ जाम भी है, हाँ हाँ शाम भी है
अरे चोरी नहीं, सारा आम भी है
सबने पी है, मुझपे इल्ज़ाम क्यूँ है
खाम-खाँ मेरा नाम बदनाम क्यूँ है
देखो न लोगों ने, बोतलों की बोतलें
ख़त्म कर दी तो कुछ न हुआ
मगर मगर
मैंने होठों से लगाई तो, हंगामा हो गया
हंगामा हो गया, हंगामा, हंगामा हो गया
मुझे यार ने पिलाई तो, हंगामा हो गया
हंगामा हो गया, हंगामा, हंगामा हो गया

दिन को कसमें खाते हैं, तौबा-तौबा करते हैं
दिन को कसमें खाते हैं, तौबा-तौबा करते हैं
शाम होती है तो फिर प्याले भरते हैं
रात को सब पीते हैं, सुबह को सब डरते हैं
क्या कशिश हैं, सब इसपे मरते हैं
कैसे ये लोग हैं, पता नहीं क्या करते हैं
कौन सी बात है इसमें, सब इसको अपनाते हैं
देखो ना, सबको तमाशा दिखाते हैं
गिरते हैं, लड़खड़ाते हैं, शोर मचाते हैं
उनको तो आप कुछ नहीं कहते
मगर मगर
मुझे हिचकी जो आई तो, हंगामा हो गया
हंगामा हो गया, हंगामा, हंगामा हो गया

क्यूँ घबरा गई, शर्मा गई, या गुस्सा खा गई
क्यूँ घबरा गई, शर्मा गई, या गुस्सा खा गई
हाथ लगाने से इतना तिलमिला गए
अरे हुस्न वाले तो आग लगा देते हैं
फ़ना कर देते हैं, होश उड़ा देते हैं
दिल, जिगर, चैन, आराम, रातें
सुबह, दोपहर और शाम छीन ले जाते हैं
और आँख चुरा लेते हैं
सामने नूठे हैं और आप बोल नहीं पाते हैं
देखो ना दर्द, ठेस और ज़ख्म दे जाते हैं
तो आप कुछ नहीं कहते
मगर मगर
मैंने आँख जो मिलाई तो, हंगामा हो गया
हंगामा हो गया, हंगामा, हंगामा हो गया
मुझे यार ने पिलाई तो, हंगामा हो गया,हंगामा...



Credits
Writer(s): Laxmikant Pyarelal, Varma Malik
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