Tu Hai Sheetal Dhaara

तू है शीतल धारा
तेरे संग-संग बहती हूँ मैं कब से
जब से नभ में तारे
मैं तेरी, मैं तेरी हूँ तब से

जहाँ तेरा पग फेरा, वहीं मधुबन है मेरा
मुझे प्राणों से बढ़के प्यारा प्रेम है तेरा

तेरी बरखा झर-झर बरसे तो महके
मेरे मन की पाती-पाती रे
तू जो संग है रंग ही रंग है ये जीवन
तेरे बिना नहीं जीना साथी रे

तेरे नैनों के बन में मन खोना ही था
तेरा-मेरा यूँ मिलना तो होना ही था
बिन धागे जो बाँधे वो बंधन तू है
मैं जिसका चंदा वो पागल तू है

तू पहली है आशा, तू अंतिम अभिलाषा
मुझे प्राणों से बढ़के प्यारा प्रेम है तेरा

तेरी बरखा झर-झर बरसे तो महके
मेरे मन की पाती-पाती रे
तू जो संग है, रंग ही रंग है ये जीवन
तेरे बिना नहीं जीना साथी रे



Credits
Writer(s): Atul Gogavale, Ajay Gogavale, Manoj Muntashir Shukla
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