Toota Jo Kabhi Tara

किसी शाम की तरह तेरा रंग है खिला
मैं रात इक तनहा, तू चाँद सा मिला
हाँ, तुझे देखता रहा किसी खाब की तरह
जो अब सामने है तू, हो कैसे यक़ीं भला?

टूटा जो कभी तारा, ਸੱਜਨਾ ਵੇ
तुझे रब से माँगा
रब से जो माँगा, ਮਿਲਿਆ ਵੇ
तू ਮਿਲਿਆ तो जाने ना दूँगा मैं

हाँ, मैंने सुनी है परियों की कहानी
वैसा ही नूर तेरा, चेहरा है तेरा रूहानी
आ, तुझको मैं अपनी, आजा मेरी बाँहों में छुपा लूँ
हाँ, अपनी इस ज़मीं को कर दूँ मैं आसमाँ भी
ज़िंदगी रोक दूँ मैं अब तेरे सामने
पल, दो पल जो रुके तू मेरे साथ में
टूटा जो कभी तारा, ਸੱਜਨਾ ਵੇ
तुझे रब से माँगा
रब से जो माँगा, ਮਿਲਿਆ ਵੇ
तू ਮਿਲਿਆ तो जाने ना दूँगा मैं

इतनी भी हसीं मैं नहीं, ਓ ਯਾਰਾ ਵੇ
मुझसे भी हसीं तो तेरा ये प्यार है
हाँ, इतनी भी हसीं मैं नहीं, ਓ ਯਾਰਾ ਵੇ
मुझसे भी हसीं तेरा प्यार...
के तेरा-मेरा प्यार ये, जैसे ख्वाब और दुआ
हाँ सच कर रहा इन्हें, देखो मेरा खुदा
टूटा जो कभी तारा, ਸੱਜਣਾਂ ਵੇ
तुझे रब से माँगा
रब से जो माँगा, ਮਿਲਿਆ ਵੇ
तू ਮਿਲਿਆ तो जाने ना दूँगी मैं



Credits
Writer(s): Jigar Saraiya, Sachin Jaykishore Sanghvi, Priya Jitendra Saraiya
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