Yeh Jo Des Hai Tera

ये जो देस है तेरा, स्वदेस है तेरा, तुझे है पुकारा
ये वो बंधन है जो कभी टूट नहीं सकता
ये जो देस है तेरा, स्वदेस है तेरा, तुझे है पुकारा
ये वो बंधन है जो कभी टूट नहीं सकता

मिट्टी की है जो ख़ुशबू, तू कैसे भूलाएगा?
तू चाहे कहीं जाए, तू लौट के आएगा
नई-नई राहों में, दबी-दबी आहों में
खोए-खोए दिल से तेरे कोई ये कहेगा

ये जो देस है तेरा, स्वदेस है तेरा, तुझे है पुकारा
ये वो बंधन है जो कभी टूट नहीं सकता

तुझसे ज़िंदगी है ये कह रही, "सब तो पा लिया, अब है क्या कमी?"
यूँ तो सारे सुख हैं बरसे, पर दूर तू है अपने घर से
आ, लौट चल तू अब दीवाने, जहाँ कोई तो तुझे अपना माने
आवाज़ दे तुझे बुलाने वही देस

ये जो देस है तेरा, स्वदेस है तेरा, तुझे है पुकारा
ये वो बंधन है जो कभी टूट नहीं सकता

ये पल है वही, जिसमें है छुपी पूरी एक सदी, सारी ज़िंदगी
तू ना पूछ, रास्ते में काहे आए हैं इस तरह दो राहें
तू ही तो है राह जो सुझाए, तू ही तो है अब जो ये बताए
जाएँ तो किस दिशा में जाएँ वही देस

ये जो देस है तेरा, स्वदेस है तेरा, तुझे है पुकारा
ये वो बंधन है जो कभी टूट नहीं सकता



Credits
Writer(s): Javed Akhtar
Lyrics powered by www.musixmatch.com

Link