Neendein

सोचते हैं जब भी तेरे बारे में
सुबह से शाम हो जाती है
करवटें ही लेते, लेटे-लेटे दिल को
बस याद तेरी आती है

सुनी रातें हैं, ना जाने कैसे
दिल को मैं सँभालूँ
सुबह के इंतज़ार में ये पलकें
मेरी खिड़की पे राहें तेरी देखूँ

क्यूँ बाक़ी हैं रातों की नींदें अभी?
क्यूँ खलती है दिल को तेरी आशिक़ी?
अगर प्यार की बातें करते हो तो
करो देर ना, अब चले आओ भी

ये भोर जाने कब हुई
पढ़ते हुए वो लफ़्ज़ तेरे
ये ओस होंठों पे गिरी
मुझको लगा तुम छू रहे थे

खुली आँखें तो ये जाने ग़म के
सपने ही थे वो
अधूरे हैं अभी तो आके फिर से
बैठो पास मेरे, कुछ तो बताओ

क्यूँ बाक़ी हैं रातों की नींदें अभी?
क्यूँ खलती है दिल को तेरी आशिक़ी?
अगर प्यार की बातें करते हो तो
करो देर ना, अब चले आओ भी

क्यूँ बाक़ी हैं रातों की नींदें अभी?
क्यूँ खलती है दिल को तेरी आशिक़ी?
अगर प्यार की बातें करते हो तो
करो देर ना, अब चले आओ भी



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