Tumhen Ho Na Ho

तुम्हें हो ना हो, मुझको तो इतना यकीं है
मुझे प्यार तुमसे नहीं है, नहीं है
मुझे प्यार तुमसे नहीं है, नहीं है
मगर मैंने ये राज़ अब तक न जाना
के क्यों प्यारी लगती हैं, बातें तुम्हारी
मैं क्यों तुमसे मिलने का ढूंढू बहाना
कभी मैंने चाहा, तुम्हें छू के देखूं
कभी मैंने चाहा, तुम्हें पास लाना
मगर फिर भी, इस बात का तो यकीं है
मुझे प्यार तुमसे नहीं है, नहीं है
मुझे प्यार तुमसे...
फिर भी जो तुम दूर रहते हो मुझसे
तो रहते हैं दिल पे उदासी के साए
कोई ख्वाब ऊंचे मकानों से झांके
कोई ख्वाब बैठा रहे सर झुकाए
कभी दिल की राहों में फैले अन्धेरा
कभी दूर तक रौशनी मुस्कुराए
मगर फिर भी...
मगर फिर भी, इस बात का तो यकीं है
मुझे प्यार तुमसे नहीं है, नहीं है
मुझे प्यार तुमसे...



Credits
Writer(s): Jaidev, Naqsh Lyallpuri
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