Mausam Hai Ashiqana

मौसम है आशिक़ाना, ऐ दिल कही से उनको
ऐसे मे ढूँढ लाना, ऐसे मे ढूँढ लाना

मौसम है आशिक़ाना, ऐ दिल कही से उनको
ऐसे मे ढूँढ लाना, ऐसे मे ढूँढ लाना
मौसम है आशिक़ाना

कहना के रुत जवा है और हम तरस रहे है

काली घटा के साए, बिरहन को डस रहे है
डर है ना मार डाले, सावन का क्या ठिकाना
सावन का क्या ठिकाना
मौसम है आशिक़ाना

सूरज कही भी जाए, तुम पर ना धूप आए
तुम पर ना धूप आए
आ, आ, आ
तुमको पुकारते है, इन गेसुओ के साए
आ जाओ मैं बना दू, पलकों का शामियाना
पलकों का शामियाना
मौसम है आशिक़ाना

फिरते है हम अकेले, बाहो मे कोई ले ले

आख़िर कोई कहा तक, तनहाइयो से खेले
दिन हो गए है ज़ालिम, राते है क़ातिलाना
राते है क़ातिलाना
मौसम है आशिक़ाना

हा, हाहा, हा हा हा

ये रात ये खामोशी, ये ख्वाब से नज़ारे

ये ख्वाब से नज़ारे
जुगनू है या ज़ामी पर, उतरे हुए है तारे
बेख़ाब मेरी आँखे

बेख़ाब मेरी आँखे
मदहोश है ज़माना
मदहोश है ज़माना
मौसम है आशिक़ाना
ऐ दिल कही से उनको, ऐसे मे ढूँढ लाना
मौसम है आशिक़ाना



Credits
Writer(s): Ghulam Mohammad, Kamal Amrohi
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