Aaj Kal Mein Dhal Gaya Din

आज कल में ढल गया, दिन हुआ तमाम
तू भी सो जा, सो गई रंग भरी शाम
आज कल में ढल गया, दिन हुआ तमाम
तू भी सो जा, सो गई रंग भरी शाम
आज कल में ढल गया

सो गया चमन-चमन, सो गई कली-कली
सो गए हैं सब नगर, सो गई गली-गली
सो गया चमन-चमन, सो गई कली-कली
सो गए हैं सब नगर, सो गई गली-गली

नींद कह रही है, "चल, मेरी बाँहें थाम"
तू भी सो जा, सो गई रंग भरी शाम
आज कल में ढल गया

है बुझा-बुझा सा दिल, बोझ साँस-साँस पर
जी रहे हैं फिर भी हम सिर्फ़ कल की आस पर
है बुझा-बुझा सा दिल, बोझ साँस-साँस पर
जी रहे हैं फिर भी हम सिर्फ़ कल की आस पर

कह रही है चाँदनी लेके तेरा नाम
तू भी सो जा, सो गई रंग भरी शाम
आज कल में ढल गया

कौन आएगा इधर? किसकी राह देखें हम?
जिनकी आहटें सुनी, जाने किसके थे क़दम
कौन आएगा इधर? किसकी राह देखें हम?
जिनकी आहटें सुनी, जाने किसके थे क़दम

अपना कोई भी नहीं, अपने हैं तो राम
तू भी सो जा, सो गई रंग भरी शाम
आज कल में ढल गया, दिन हुआ तमाम



Credits
Writer(s): Shailendra, Jaikshan Shankar
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