Rang Aur Noor Ki Barat

रंग और नूर की बारात किसे पेश करूँ
ये मुरादों की हंसी रात किसे पेश करूँ
किसे पेश करूँ
रंग और नूर की बारात किसे पेश करूँ
ये मुरादों की हंसी रात किसे पेश करूँ
किसे पेश करूँ

मैंने जज़बात निभाए हैं उसूलों की जगह
मैंने जज़बात निभाए हैं उसूलों की जगह
अपने अरमान पीरों लाया हूँ फूलों की जगह
तेरे सेहरे की
तेरे सेहरे की ये सौगात किसे पेश करूँ
ये मुरादों की हंसी रात किसे पेश करूँ
किसे पेश करूँ

ये मेरे शेर मेरे आखरी नजराने हैं
ये मेरे शेर मेरे आखरी नजराने हैं
मैं उन अपनों में हूँ जो आज से बेगाने हैं
बेताल्लुक सी मुलाक़ात किसे पेश करूँ
ये मुरादों की हंसी रात किसे पेश करूँ
किसे पेश करूँ

सुर्ख जोड़े की तब-ओ-ताब मुबारक हो तुझे
सुर्ख जोड़े की तब-ओ-ताब मुबारक हो तुझे
तेरी आँखों का नया ख्वाब मुबारक हो तुझे
मैं ये ख्वाइश, ये ख़यालात किसे पेश करूँ
ये मुरादों की हंसी रात किसे पेश करूँ
किसे पेश करूँ

कौन कहता है के चाहत पे सभी का हक है
कौन कहता है के चाहत पे सभी का हक है
तू जिसे चाहे तेरा प्यार उसी का हक है
मुझ से कह दे
मुझ से कह दे, मैं तेरा हाथ किसे पेश करूँ
ये मुरादों की हंसी रात किसे पेश करूँ
किसे पेश करूँ

रंग और नूर की बारात किसे पेश करूँ
ये मुरादों की हंसी रात किसे पेश करूँ
किसे पेश करूँ
किसे पेश करूँ

किसे पेश करूँ
किसे पेश करूँ



Credits
Writer(s): Madan Mohan, Ludiavani Sahir
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