Aahon Mein Hai Asar

वो जितने बड़े फ़नकार थे, शायद उससे भी बड़े इंसान थे
बहुत ही साधारण परिवार में जनम लेने वाले Jagjit जी ने
किसी भी इंसान को कभी छोटा-बड़ा नहीं समझा

अपने roots को वो कभी भी नहीं भूले
दिल इतना बड़ा था कि जिसने जो माँगा दे दिया
हमेशा यही कहते थे कि जो मेरा है ही नहीं, उसे देने में क्या हर्ज है

आहों में है असर, मगर...

आहों में है असर, मगर, फ़र्क़ असर-असर में है
आहों में है असर, मगर, फ़र्क़ असर-असर में है
चैन से सो रहे हैं वो, दर्द यहाँ जिगर में है

चैन से सो रहे हैं वो...
चैन से सो रहे हैं वो, दर्द यहाँ जिगर में है
आहों में है असर, मगर...

दिल को जो मेरे ले गया...
दिल को...
दिल को जो मेरे ले गया, उसकी तलाश क्या करूँ?
दिल को जो मेरे ले गया, उसकी तलाश क्या करूँ?

जिसने चुराया है दिल मेरा...
जिसने चुराया दिल मेरा, वो तो मेरी नज़र में है
जिसने चुराया दिल मेरा, वो तो मेरी नज़र में है
जिसने चुराया दिल मेरा, वो तो मेरी नज़र में है

वो ही है रात वस्ल की...
वो ही है रात वस्ल की, वो ही है रात हिज्र की
वो ही है रात वस्ल की, वो ही है रात हिज्र की

आए ही गी...
आए ही गी सहर, मगर, फ़र्क़ सहर-सहर में है
आए ही गी सहर, मगर, फ़र्क़ सहर-सहर में है
चैन से सो रहे हैं वो, दर्द यहाँ जिगर में है

मस्ती तेरे शबाब की...
मस्ती तेरे शबाब की, जैसे हो मय गुलाब की
मस्ती तेरे शबाब की, जैसे हो मय गुलाब की

साँसों में ऐसी ख़ुशबू है...
साँसों में ऐसी ख़ुशबू है, जैसे हिना अत्तर में है
साँसों में ऐसी ख़ुशबू है, जैसे हिना अत्तर में है

आहों में है असर, मगर, फ़र्क़ असर-असर में है
चैन से सो रहे हैं वो, दर्द यहाँ जिगर में है



Credits
Writer(s): Traditional, Jagjit Singh
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