Ab Kya Ghazal Sunaoon

कैसे सुकून पाऊँ तुझे देखने के बाद?
कैसे सुकून पाऊँ तुझे देखने के बाद?
अब क्या ग़ज़ल सुनाऊँ तुझे देखने के बाद?
कैसे सुकून पाऊँ तुझे देखने के बाद?

आवाज़ दे रही है मेरी ज़िंदगी मुझे
आवाज़ दे रही है मेरी ज़िंदगी मुझे

जाऊँ मैं या ना जाऊँ तुझे देखने के बाद?
अब क्या ग़ज़ल सुनाऊँ तुझे देखने के बाद?
कैसे सुकून पाऊँ तुझे देखने के बाद?

काबे का एहतिराम भी मेरी नज़र में है
काबे का एहतिराम भी मेरी नज़र में है

सर किस तरफ़ झुकाऊँ तुझे देखने के बाद?
अब क्या ग़ज़ल सुनाऊँ तुझे देखने के बाद?
कैसे सुकून पाऊँ तुझे देखने के बाद?

तेरी निगाह-ए-मस्त ने मख़मूर कर दिया
तेरी निगाह-ए-मस्त ने मख़मूर कर दिया

क्या मय-कदे को जाऊँ तुझे देखने के बाद?
अब क्या ग़ज़ल सुनाऊँ तुझे देखने के बाद?
कैसे सुकून पाऊँ तुझे देखने के बाद?

नज़रों में ताब-ए-दीद ही बाक़ी नहीं रही
नज़रों में ताब-ए-दीद ही बाक़ी नहीं रही

किस से नज़र मिलाऊँ तुझे देखने के बाद?
अब क्या ग़ज़ल सुनाऊँ तुझे देखने के बाद?
कैसे सुकून पाऊँ तुझे देखने के बाद?



Credits
Writer(s): Jagjit Singh Dhiman, Saeed Shaheedi
Lyrics powered by www.musixmatch.com

Link