Intezaar

हम इंतज़ार करेंगे
हम इंतज़ार करेंगे तेरा क़यामत तक
ख़ुदा करे कि क़यामत हो और तू आए
हम इंतज़ार करेंगे

बुझी-बुझी सी नज़र में तेरी तलाश लिये
भटकते फिरते हैं हम आप अपनी लाश लिये
यही ज़ुनूं यही वहशत हो
यही ज़ुनूं यही वहशत हो और तू आए
ख़ुदा करे कि क़यामत हो और तू आए
हम इंतज़ार करेंगे

न देंगे हम तुझे इल्ज़ाम बेवफ़ाई का
मगर ग़िला तो करेंगे तेरी जुदाई का
तेरे खिलाफ़ शिकायत हो
तेरे खिलाफ़ शिकायत हो और तू आए
ख़ुदा करे के क़यामत हो और तू आए
हम इंतज़ार करेंगे

ये ज़िंदगी तेरे क़दमों में डाल जाएंगे
तुझी को तेरी अमानत सम्भाल जाएंगे
हमारा आलम-ए-रुख़सत हो
हमारा आलम-ए-रुख़सत हो और तू आए
ख़ुदा करे कि क़यामत हो और तू आए
हम इंतज़ार करेंगे



Credits
Writer(s): Sayeed Quadri, Anu Malik
Lyrics powered by www.musixmatch.com

Link