Kabhi Jo Badal Barse

कभी जो बादल बरसे
मैं देखूँ तुझे आँखें भर के
तू लगे मुझे पेहली बारिश की दुआ

तेरे पहलू में रेह लूँ
मैं खुद को पागल केह लूँ
तू ग़म दे या ख़ुशियाँ
सेह लूँ साथिया

कोई नहीं तेरे सिवा मेरा यहाँ
मंज़िलें हैं मेरी तो सब यहाँ
मिटा दे सभी आजा फ़ासले
मैं चाहूँ मुझे मुझसे बाँट ले
ज़रा सा मुझमें तू झाँक ले
मैं हूँ क्या

ओ...
ऐ... आ...
पहले कभी ना तूने मुझे ग़म दिया
फिर मुझे क्यूँ तन्हा कर दिया
गुज़ारे थे जो लम्हें प्यार के
हमेशा तुझे अपना मान के
तो फिर तूने बदली क्यूँ अदा
ये क्यूँ किया

ओ...
कभी जो बादल बरसे
मैं देखूँ तुझे आँखें भर के
तू लगे मुझे पेहली बारिश की दुआ

तेरे पहलू में रेह लूँ
मैं खुद को पागल केह लूँ
तू ग़म दे या ख़ुशियाँ
सेह लूँ साथिया



Credits
Writer(s): Inconnu Compositeur Auteur, Sundeep Oad
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