Hum Nahin Jaante Zindagi Mein

हम नहीं जानते ज़िंदगी में
हम नहीं जानते ज़िंदगी में
हमने कितने सफ़र तय किए हैं
हमने कितने सफ़र तय किए हैं

याद हैं बस वो ही हमको लम्हे
याद हैं बस वो ही हमको लम्हे
जो तुम्हें छू कर हमने जिए हैं
हम नहीं जानते ज़िंदगी में
हम नहीं जानते ज़िंदगी में

तुम्हें चाहते हैं हम, हमारी आशिक़ी हो तुम
तुम बिन जिएँ कैसे? हमारी ज़िंदगी हो तुम
अब और क्या तुमसे कहें
जान-ए-वफ़ा, हमारी बंदगी हो तुम

हम नहीं जानते ज़िंदगी में
हम नहीं जानते ज़िंदगी में
हमने कितने सफ़र तय किए हैं

याद हैं बस वो ही हमको लम्हे
याद हैं बस वो ही हमको लम्हे
जो तुम्हें छू कर हमने जिए हैं
हम नहीं जानते ज़िंदगी में

पलकें उठें तेरी तो दिन मेरा निकलता
पलकें झुकें तो शाम का सूरज ढलता है
शरमा के तुम जब भी हँसो
लगता है, रंग मौसम का बदलता है

हम नहीं जानते ज़िंदगी में
हम नहीं जानते ज़िंदगी में
हमने कितने सफ़र तय किए हैं
हमने कितने सफ़र तय किए हैं

याद हैं बस वो ही हमको लम्हे
याद हैं बस वो ही हमको लम्हे
जो तुम्हें छू कर हमने जिए हैं
हम नहीं जानते ज़िंदगी में
हम नहीं जानते ज़िंदगी में



Credits
Writer(s): Nikhil-vinay, Yogesh
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