Hazar Khwab Haqeeqat Ke Roop

हज़ार ख्वाब हक़ीक़त का रूप ले लेंगे
हज़ार ख्वाब हक़ीक़त का रूप ले लेंगे
मगर ये शर्त है तुम मुस्कुरा के "हाँ" कह दो
मोहब्बतों में है दोनों का एक ही मतलब

मोहब्बतों में है दोनों का एक ही मतलब
अदा से "ना" कहो या मुस्कुरा के "हाँ" कह दो
हज़ार ख्वाब हक़ीक़त का रूप ले लेंगे

हज़ार ख्वाब बहारों के और सितारों के
तुम्हारे साथ मेरी ज़िंदगी में आए हैं
तुम्हारी बाँहों के झूले में झूलने के लिए
मचल-मचल के मेरे अंग गुनगुनाए हैं

हो हो, ये सारे शौक, सारे शौक
ये सारे शौक सदाक़त का रूप ले लेंगे
मगर ये शर्त है तुम मुस्कुरा के "हाँ" कह दो
हज़ार ख्वाब हक़ीक़त का रूप ले लेंगे

भरेगी मांग तुम्हारी, वो दिन भी क्या होगा?
सजेगी सेज हवाओं की साँस महकेगी
तुम अपने हाथ से सरकाओगे मेरा आँचल
अज़ीब आग मेरे तन-बदन में दहकेगी

हो हो, ये सारे शौक, सारे शौक
ये सारे शौक सदाक़त का रूप ले लेंगे
मगर ये शर्त है तुम मुस्कुरा के "हाँ" कह दो
हज़ार ख्वाब हक़ीक़त का रूप ले लेंगे

मैं अपनी ज़ुल्फ़ों के साए बिछाऊँगी तुम पर
मैं तुम पे अपनी जवाँ धड़कने लुटाऊँगा
मैं सुबह तुमको जगाऊँगी लब पे लब रख कर
मैं तुम को भींच के कुछ और पास लाऊँगा

हो हो, ये सारे शौक, सारे शौक
ये सारे शौक सदाक़त का रूप ले लेंगे
मगर ये शर्त है तुम मुस्कुरा के "हाँ" कह दो

मोहब्बतों में है दोनों का एक ही मतलब
अदा से "ना" कहो या मुस्कुरा के "हाँ" कह दो
हज़ार ख्वाब हक़ीक़त का रूप ले लेंगे



Credits
Writer(s): Ravindra Jain, Ludiavani Sahir
Lyrics powered by www.musixmatch.com

Link