Panchhi Re O Panchhi (From "Hare Kanch Ki Chooriyan")

पंछी रे, ओ, पंछी
उड़ जा रे, ओ, पंछी
मत छेड़ तू ये तराने
हो जाएँ ना दो दिल दीवाने

पंछी रे, ओ, पंछी
उड़ जा रे, ओ, पंछी
मत छेड़ तू ये तराने
हो जाएँ ना दो दिल दीवाने

पंछी रे, ओ, पंछी
उड़ जा रे, ओ, पंछी

हम क़रीब आ गए, मंज़िलों को पा गए
हम क़रीब आ गए, मंज़िलों को पा गए
भा गया हमें कोई, हम किसी को भा गए

पंछी रे, ओ, पंछी
उड़ जा रे, ओ, पंछी
मत छेड़ तू ये तराने
हो जाएँ ना दो दिल दीवाने

पंछी रे, ओ, पंछी
उड़ जा रे, ओ, पंछी

गा रही है ज़िंदगी मन के सुर बहार पे
गा रही है ज़िंदगी मन के सुर बहार पे
आसमाँ पे छाएँगे अब ये गीत प्यार के

पंछी रे, ओ, पंछी
उड़ जा रे, ओ, पंछी
मत छेड़ तू ये तराने
हो जाएँ ना दो दिल दीवाने

पंछी रे, ओ, पंछी
उड़ जा रे, ओ, पंछी

ये मिलन की रागिनी, एक मैं और एक वो
ये मिलन की रागिनी, एक मैं और एक वो
मिल के एक हो गए, आज हम नहीं हैं दो

पंछी रे, ओ, पंछी
उड़ जा रे, ओ, पंछी
मत छेड़ तू ये तराने
हो जाएँ ना दो दिल दीवाने

पंछी रे, ओ, पंछी
उड़ जा रे, ओ, पंछी
मत छेड़ तू ये तराने
हो जाएँ ना दो दिल दीवाने

पंछी रे, ओ, पंछी
उड़ जा रे, ओ, पंछी
पंछी रे, ओ, पंछी
उड़ जा रे, ओ, पंछी



Credits
Writer(s): Shailendra, Jaikshan Shankar
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