Loag Yahan

लोग यहाँ सपनों की धूप में चलते हैं

लोग यहाँ सपनों की धूप में चलते हैं
लोग यहाँ सपनों की धूप में चलते हैं
इक हम हैं जो अपनों की छाँव में भी जलते हैं
इक हम हैं जो अपनों की छाँव में भी जलते हैं

हो, रिश्तों का बोझ है कहीं
कहीं रिश्ता ही बोझ है
अपनों की खोज है कहीं
कहीं अपनी ही खोज है

कैसे समझाऊँ
कैसे समझाऊँ, समझाऊँ, समझाऊँ
कुछ समझ नहीं आता है

ऐसा भी मोड़ जीवन में आता है
ऐसा भी मोड़ जीवन में आता है

हो, दिल में था सैलाब कहीं
आँखें जाने क्यूँ रोई नहीं
कहने को सब अपने हैं
अपना कहने को कोई नहीं

कैसे समझाऊँ
कैसे समझाऊँ, समझाऊँ, समझाऊँ
कुछ समझ नहीं आता है

ऐसा भी मोड़ जीवन में आता है
ऐसा भी मोड़ जीवन में आता है

हो, कैसा मझधार है ये
जिसका कोई किनारा नहीं
हम तो हैं यहाँ सबके
बस कोई हमारा नहीं

अब कहाँ जाऊँ
किसको बताऊँ, मैं बताऊँ, हाय, बताऊँ
कुछ समझ नहीं आता है

ऐसा भी मोड़ जीवन में आता है
ऐसा भी मोड़ जीवन में आता है

लोग यहाँ सपनों की धूप में चलते हैं
लोग यहाँ सपनों की धूप में चलते हैं
इक हम हैं जो अपनों की छाँव में भी जलते हैं
इक हम हैं जो अपनों की छाँव में भी जलते हैं

हो, रिश्तों का बोझ है कहीं
कहीं रिश्ता ही बोझ है
अपनों की खोज है कहीं
कहीं अपनी ही खोज है

कैसे समझाऊँ
कैसे समझाऊँ, समझाऊँ, समझाऊँ
कुछ समझ नहीं आता है

ऐसा भी मोड़ जीवन में आता है
ऐसा भी मोड़ जीवन में आता है

ऐसा भी मोड़ जीवन में आता है
ऐसा भी मोड़ जीवन में आता है

ऐसा भी मोड़ जीवन में आता है



Credits
Writer(s): Manoj Tapadiya
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