Pyar Ka Pehla Ishq Ka Doosra

प्यार का पहला...
प्यार का पहला, इश्क़ का दूसरा
और मोहब्बत का तीसरा लफ़्ज़ अधूरा होता है

प्यार का पहला, इश्क़ का दूसरा
और मोहब्बत का तीसरा लफ़्ज़ अधूरा होता है
इसलिए हम आप को चाहते हैं
क्योंकि चाहत का हर लफ़्ज़ पूरा होता है
प्यार का पहला...

रात की गलियों में पलकों को बिछा कर क्या करें?
रात की गलियों में पलकों को बिछा कर क्या करें?
अब किसी चेहरे को आँखों में बसा कर क्या करें?

दिल के आईने ख़्वाबों को सजा कर क्या करें?
आप ना जिसमें शामिल हो, वो ख़्वाब अधूरा होता है
प्यार का पहला...

आज दुनिया-भर की बातें याद आएँ किस लिए?
आज दुनिया-भर की बातें याद आएँ किस लिए?
आप मेरे पास है, महफ़िल सजाएँ किस लिए?

आप जब है सामने, शम्मे जलाएँ किस लिए?
आप का आँचल ढलकते ही सवेरा होता है
प्यार का पहला...

आप का चेहरा है या एक जगमगाती शाम है?
आप का चेहरा है या एक जगमगाती शाम है?
आप का ये जिस्म है या रोशनी का जाम है?

ज़िंदगी में जो भी है, सब आप ही के नाम है
आप की पलकों को छू कर हर सपना पूरा होता है

प्यार का पहला, इश्क़ का दूसरा
और मोहब्बत का तीसरा लफ़्ज़ अधूरा होता है
इसलिए हम आप को चाहते हैं
क्योंकि चाहत का हर लफ़्ज़ पूरा होता है
प्यार का पहला...

(प्यार का पहला...)



Credits
Writer(s): Pankaj Udhas, Mumtaj Rashid
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