Woh Tho Yahin Hai Lekin

वो तो यहीं है, लेकिन हर कोई उसको ढूँढे
परवाह नहीं है उसको, दिल चाहे जाँ भी छूटे
ख़ुद को मनाता रहता, चाहे ये दुनिया रूठे
नींदों में घुस के करे सपने बर्बाद

जिस्म और जाँ में वो अब ऐसे उतर जाएगा
आईना देखिए तो वो ही सिर्फ़ नज़र आएगा
वो तो यहीं है, लेकिन हर कोई उसको ढूँढे
नींदों में घुस के करे सपने बर्बाद

ख़ुद ही उड़ाकर सबके पंखों को काटे वो
काले फ़साने लिखता काजल चुरा के वो
ख़ुद को सिर्फ़ याद रखता दुनिया भुला के वो
सदियाँ बिखेर डाला लम्हों में आ के वो

पंखों को काटे पहले, फिर वो करे आज़ाद
नींदों में घुस के करे सपने बर्बाद



Credits
Writer(s): Vipin Patwa, Dr Sagar
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