Gairon Pe Karam - From "Ankhen"

ग़ैरों पे करम, अपनों पे सितम
ऐ, जान-ए-वफ़ा, ये ज़ुल्म ना कर

ग़ैरों पे करम, अपनों पे सितम
ऐ, जान-ए-वफ़ा, ये ज़ुल्म ना कर
ग़ैरों पे करम, अपनों पे सितम
ऐ, जान-ए-वफ़ा, ये ज़ुल्म ना कर

रहने दे अभी थोड़ा सा भरम
ऐ, जान-ए-वफ़ा, ये ज़ुल्म ना कर
ग़ैरों पे करम, अपनों पे सितम

हम चाहने वाले हैं तेरे
यूँ हम को जलाना ठीक नहीं
महफ़िल मे तमाशा बन जाए
इस दर्जा सताना ठीक नहीं
इस दर्जा सताना ठीक नहीं

मर जाएँगे हम, मिट जाएँगे हम
ऐ, जान-ए-वफ़ा, ये ज़ुल्म ना कर
ग़ैरों पे करम, अपनों पे सितम
ऐ, जान-ए-वफ़ा, ये ज़ुल्म ना कर
...ये ज़ुल्म ना कर

ग़ैरों के थिरकते शाने पर
ये हाथ गवारा कैसे करे?

ग़ैरों के थिरकते शाने पर
ये हाथ गवारा कैसे करे?
हर बात गवारा है, लेकिन
ये बात गवारा कैसे करे?
ये बात गवारा कैसे करे?

तुझ को तेरी बेदर्दी की क़सम
ऐ, जान-ए-वफ़ा, ये ज़ुल्म ना कर
ग़ैरों पे करम, अपनों पे सितम
ऐ, जान-ए-वफ़ा, ये ज़ुल्म ना कर
...ये ज़ुल्म ना कर

हम भी थे तेरे मंज़ूर-ए-नज़र
जी चाहे तू अब इक़रार ना
१०० तीर चला सीने पे, मगर
बेगानों से मिलकर वार ना कर
बेगानों से मिलकर वार ना कर

बे-मौत कहीं मर जाएँ ना हम
ऐ, जान-ए-वफ़ा, ये ज़ुल्म ना कर
ग़ैरों पे करम, अपनों पे सितम
ऐ, जान-ए-वफ़ा, ये ज़ुल्म ना कर

रहने दे अभी थोड़ा सा भरम
ऐ, जान-ए-वफ़ा, ये ज़ुल्म ना कर
...ये ज़ुल्म ना कर



Credits
Writer(s): Sahir Ludhianvi, Ravi
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