Roop Jab Aisa Mila - From "Ganga Ki Saugand"

अरे, मिश्री जैसी तोरी सूरतिया, पर मिर्ची जैसी बोली
बोले ऐसे बोल कि सुनके लागे करजवा पे गोली

रूप जब ऐसा मिला...
रूप जब ऐसा मिला, ऐसी अदा कैसे ना हो?
रूप जब ऐसा मिला, ऐसी अदा कैसे ना हो?

भरी बोतल हो जवानी की...
भरी बोतल हो जवानी की, नशा कैसे ना हो?
रूप जब ऐसा मिला, हाए-हाए-हाए

अरे-रे-रे, तेरी जुल्मी जवानी, चढ़ी नदिया तूफ़ानी
अरे-रे-रे, तेरी जुल्मी जवानी, चढ़ी नदिया तूफ़ानी
उडे़ जब लट मुखड़े पे घटा हो पानी-पानी

देख के तुझको जुलुम दिल पे भला कैसे ना हो?
हाँ, जुलुम कैसे ना हो?
रूप जब ऐसा मिला, हाए-हाए-हाए

बग़िया की सारी कलियाँ, खेतों की हरियाली
अरे, पाँव तले बिछ जाए, जब चले यूँ नख़रेवाली

है मुख पर सुबह की लाली, बदन फुलवा की डाली
है मुख पर सुबह की लाली, बदन फुलवा की डाली
भरा हर अंग में जादू, मगर दिल प्यार से खाली

ऐसा हो नख़रा तो फिर जियरा फ़िदा कैसे ना हो?
हाँ, फ़िदा कैसे ना हो?
रूप जब ऐसा मिला, ऐसी अदा कैसे ना हो?

भरी बोतल हो जवानी की, हाए
भरी बोतल हो जवानी की, नशा कैसे ना हो?
रूप जब ऐसा मिला, हाए-हाए-हाए



Credits
Writer(s): Sameer Anjaan, Kalyanji Anandji
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