Ek Din Kahin - From "Aur Pyar Ho Gaya"

एक दिन कहीं हम दो मिलें
और तीसरा कोई ना हो
बैठे रहें, खोए रहें
कुछ मैं कहूँ, कुछ तुम कहो

एक दिन कहीं हम दो मिलें
और तीसरा कोई ना हो
बैठे रहें, खोए रहें
कुछ मैं कहूँ, कुछ तुम कहो

कभी मैं कहूँ, "ज़रा सुन तो लो"
कभी तुम कहो, "अब कह भी दो"
कभी मैं कहूँ तुम्हें "नाज़नीं"
कभी तुम कहो मुझे "हमनशीं"

कभी मैं कहूँ, "सुनो, महजबीं
नहीं तुम बिन मुझको चैन कहीं"
फिर तुम कहो कि तुम्हें है यक़ीं
फिर मैं कहूँ कि मुझे प्यार है तुमसे

एक दिन कहीं हम दो मिलें
और तीसरा कोई ना हो

एक दिन कहीं हम दो मिलें
और तीसरा कोई ना हो
बैठे रहें, खोए रहें
कुछ मैं कहूँ, कुछ तुम कहो

कभी मैं कहूँ, "ज़रा सुन तो लो"
कभी तुम कहो, "अब कह भी दो"
कभी मैं कहूँ तुम्हें "नाज़नीं"
कभी तुम कहो मुझे "हमनशीं"

कभी मैं कहूँ, "सुनो, महजबीं
नहीं तुम बिन मुझको चैन कहीं"
फिर तुम कहो कि तुम्हें है यक़ीं
फिर मैं कहूँ कि मुझे प्यार है तुमसे

एक दिन कहीं हम दो मिलें
और तीसरा कोई ना हो

मौसम की बात, राहों की बात, मंज़िल की बात हो
फूलों की बात, ख़ाबों की बात, फिर दिल की बात हो
मौसम की बात, राहों की बात, मंज़िल की बात हो
फूलों की बात, ख़ाबों की बात, फिर दिल की बात हो

महकी सी हों तनहाइयाँ
आने लगे अंगड़ाइयाँ
धड़के ये दिल, काँपे नज़र
तुमको कभी छू लूँ अगर

मैं ये कहूँ, कहता रहूँ
"मुझे तुम बिन अब जीना ही नहीं"
फिर तुम कहो कि तुम्हें है यक़ीं
फिर मैं कहूँ कि मुझे प्यार है तुमसे

एक दिन कहीं हम दो मिलें
और तीसरा कोई ना हो

चंचल हवाएँ आँचल उड़ाए, लेकिन मैं थाम लूँ
समझो इशारा, जब मैं तुम्हारा कोई भी नाम लूँ
चंचल हवाएँ आँचल उड़ाए, लेकिन मैं थाम लूँ
समझो इशारा, जब मैं तुम्हारा कोई भी नाम लूँ

तुम्हें प्यार में कहता रहूँ
कभी "चाँदनी," कभी "रागिनी"
कभी तुमको मैं कहूँ, "गीत हो
जीवन का तुम संगीत हो

मेरी प्रीत हो, मनमीत हो"
तुम कहो तो दे दूँ जान यहीं
फिर तुम कहो कि तुम्हें है यक़ीं
फिर मैं कहूँ कि मुझे प्यार है तुमसे

एक दिन कहीं हम दो मिलें
और तीसरा कोई ना हो
बैठे रहें, खोए रहें
कुछ मैं कहूँ, कुछ तुम कहो

कभी मैं कहूँ, "ज़रा सुन तो लो"
कभी तुम कहो, "अब कह भी दो"
कभी मैं कहूँ तुम्हें "नाज़नीं"
कभी तुम कहो मुझे "हमनशीं"

कभी मैं कहूँ, "सुनो, महजबीं
नहीं तुम बिन मुझको चैन कहीं"
फिर तुम कहो कि तुम्हें है यक़ीं
फिर मैं कहूँ कि मुझे प्यार है तुमसे

एक दिन कहीं हम दो मिलें
और तीसरा कोई ना हो



Credits
Writer(s): Javed Akhtar, Nusrat Fateh Ali Khan
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