Tu Mila De (From “Saawan... The Love Season”)

इश्क में लुट गया वो खज़ाना हूँ
मैं एक बीता हुआ ज़माना हूँ
मेरे दर्द पे रोए खुशियाँ
मैं गुमनाम एक फ़साना हूँ
एक फ़साना हूँ

जान को मेरी छीन लिया है
दर्द ये कैसा दिल को दिया है?
जान को मेरी छीन लिया है
दर्द ये कैसा दिल को दिया है?

या तो मुझको पास बुला ले
या दुनिया को आग लगा दे
मैं तो ना माँगू किसी दर से

तू बुला ले, बुला ले, बुला ले, बुला ले
मेरे महबूब से तू मिला दे
तू बुला ले, बुला ले, बुला ले रे, रब्बा
मेरे महबूब से तू मिला दे

जीना बस में नहीं, मरना बस में नहीं
ज़िन्दगी है ये कैसी पहेली?
मैं हूँ तनहा यहाँ, मैं तड़पता यहाँ
वो तड़पती वहाँ पर अकेली

जग के बंधन तोड़ के आऊँ
इस दुनिया को छोड़ के आऊँ
मैं तो ना माँगू किसी दर से

तू बुला ले, बुला ले, बुला ले, बुला ले
मेरे महबूब से तू मिला दे
तू बुला ले, बुला ले, बुला ले रे, रब्बा
मेरे महबूब से तू मिला दे

पहले दिल को बनाया, प्यार उसमें बसाया
फिर मुक़द्दर में लिख दी जुदाई
कैसे शिकवा करे? क्या शिकायत करे?
तेरी कैसे करे हम बुराई?

जीवन में रंग भरने वाले
सीप में मोती रखने वाले
मैं तो ना माँगू किसी दर से

तू बुला ले, बुला ले, बुला ले, बुला ले
मेरे महबूब से तू मिला दे
तू बुला ले, बुला ले, बुला ले रे, रब्बा
मेरे महबूब से तू मिला दे

जान को मेरी छीन लिया है
दर्द ये कैसा दिल को दिया है?

या तो मुझको पास बुला ले
या दुनिया को आग लगा दे
मैं तो ना माँगू किसी दर से

तू बुला ले, बुला ले, बुला ले, बुला ले
मेरे महबूब से तू मिला दे
तू बुला ले, बुला ले, बुला ले रे, रब्बा
मेरे महबूब से तू मिला दे

मोहब्बत साज़ है दिल का
मोहब्बत राज़ है दिल का
मोहब्बत दिल से होती है
मोहब्बत काम है दिल का

मोहब्बत है तो हम-तुम है
मोहब्बत है तो दुनिया है
मोहब्बत है तो हम-तुम है
मोहब्बत है तो दुनिया है
मोहब्बत करने वालों को
मोहब्बत ही तो पानी है रे

तू बुला ले, बुला ले, बुला ले, बुला ले
मेरे महबूब से तू मिला दे
तू बुला ले, बुला ले, बुला ले रे, रब्बा
मेरे महबूब से तू मिला दे



Credits
Writer(s): Khan Vajid Sharafat, Khan Sajid Sharafat
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