Tumse Kya Kehna (From “Dus Tola”)

तुमसे क्या कहना हैं, सुनो तुमसे क्या अब सुनना
छोड़ दिया अब चांदनी रात में, मैंने सपने बुनना
मैं अपनी तन्हाई से सब कह लेता हूँ
तुम बोलो ना बोलो, तुम बोलो ना बोलो, तुम बोलो ना बोलो
(तुम बोलो ना बोलो, ना बोलो, तुम बोलो ना बोलो, ना बोलो)

रात को जब चाँद पूछेगा वो कैसी लग रही थी
चाँद से कह दूंगा, मुझको तेरे जैसी लग रही थी
उसमें भी एक दाग निकला
तू भी तो घटता हैं, भरता है, देर-सवेर से चढता हैं
तेरा सोना कब खरा हैं सिर्फ असरफी की तरह था
जब तुम मिलो, कहना उसे, जरुरी नहीं हैं
तुम बोलो ना बोलो (तुम बोलो)
तुम बोलो ना बोलो (तुम ना बोलो, ना बोलो)

मेरी आदत में नहीं हैं कोई रिश्ता तोड़ देना
मेरी शायर ने कहा था मोड़ दे कर छोड़ देना
अजनबी फिर अजनबी हैं, गहने बहोत पहनोगे
याद के जेवर नया हैं, दर्द जो घुलता नहीं है, रंग वो धूलता नहीं हैं
सारे गिले बाक़ी रहे, मगर याद हैं
तुम बोलो ना बोलो, तुम बोलो ना बोलो

तुमसे क्या कहना हैं, सुनो तुमसे क्या अब सुनना
छोड़ दिया अब चांदनी रात में, मैंने सपने बुनना
मैं अपनी तन्हाई से सब कह लेता हूँ
तुम बोलो ना बोलो, तुम बोलो ना बोलो
(तुम बोलो ना बोलो, ना बोलो, तुम बोलो ना बोलो, ना बोलो...)



Credits
Writer(s): Gulzar, Sandesh Shandilya
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