Kathai Ankhon Wali

कत्थई आँखों वाली इक लड़की
एक ही बात पर बिगड़ती है

कत्थई आँखों वाली इक लड़की
एक ही बात पर बिगड़ती है
"तुम मुझे क्यूँ नहीं मिले पहले?"
रोज़ कह कर मुझसे लड़ती है

कत्थई आँखों वाली इक लड़की
एक ही बात पर बिगड़ती है
"तुम मुझे क्यूँ नहीं मिले पहले?"
रोज़ कह कर मुझसे लड़ती है
कत्थई आँखों वाली इक लड़की...

गुस्से की वो तेज़ है, लेकिन दिल की बेहद अच्छी है
वो कलियों से भी नाज़ुक है और शहद से मीठी है

चेहरे पर हैं नर्म उजाले, बालों में काली रातें
चेहरे पर हैं नर्म उजाले, बालों में काली रातें
हँस दे वो तो मोती बरसे, फूलों जैसी हैं बातें

कत्थई आँखों वाली इक लड़की
एक ही बात पर बिगड़ती है
"तुम मुझे क्यूँ नहीं मिले पहले?"
रोज़ कह कर मुझसे लड़ती है
कत्थई आँखों वाली इक लड़की...

मुझको तुमसे प्यार नहीं है, रूठ के मुझसे कहती है
लेकिन हर काग़ज़ पर मेरा नाम वो लिखती रहती है

मैं भी उसका दीवाना हूँ, कैसे उसको समझाऊँ?
मैं भी उसका दीवाना हूँ, कैसे उसको समझाऊँ?
मुझसे मिलना छोड़ दे वो तो मैं एक दिन में मर जाऊँ

कत्थई आँखों वाली इक लड़की
एक ही बात पर बिगड़ती है
"तुम मुझे क्यूँ नहीं मिले पहले?"
रोज़ कह कर मुझसे लड़ती है
कत्थई आँखों वाली इक लड़की...



Credits
Writer(s): Javed Akhtar, R.d. Burman
Lyrics powered by www.musixmatch.com

Link