Aur Hum Tum

पर्बतों पे बादलों की ज़ुल्फ़ खुल गई
ओस जगमगाई, शाख़-शाख़ धुल गई

जागे नज़ारे, जागीं बहारें, जागे ज़मीं-आसमाँ
और हम-तुम, और हम-तुम, और हम-तुम
ठंडी हवाएँ, उजलीं फ़िज़ाएँ, महका हुआ ये समाँ
और हम-तुम, और हम-तुम, और हम-तुम

गाता है मौसम, गाते हैं पंछी, गाती हैं ये वादियाँ
और हम-तुम, और हम-तुम, और हम-तुम

फूल को कोई किरण जो चूमने लगी
ज़िंदगी बहार बन के झूमने लगी
फूल को कोई किरण जो चूमने लगी
ज़िंदगी बहार बन के झूमने लगी

राहों में रंगों और ख़ुशबुओं के निकले हसीं कारवाँ
और हम-तुम, और हम-तुम, और हम-तुम
ठंडी हवाएँ, उजलीं फ़िज़ाएँ, महका हुआ ये समाँ
और हम-तुम, और हम-तुम, और हम-तुम

हो गई है रेशमी ये नर्म रोशनी
साँस में घुला हुआ है गीत सा कोई
हो गई है रेशमी ये नर्म रोशनी
साँस में घुला हुआ है गीत सा कोई

खोईं दिशाएँ, खोई हैं राहें, खोए हैं सारे निशाँ
और हम-तुम, और हम-तुम, और हम-तुम
ठंडी हवाएँ, उजलीं फ़िज़ाएँ, महका हुआ ये समाँ
और हम-तुम, और हम-तुम, और हम-तुम

गाता है मौसम, गाते हैं पंछी, गाती हैं ये वादियाँ
और हम-तुम, और हम-तुम, और हम-तुम



Credits
Writer(s): Javed Akhtar, Anu Malik
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