Tune Hai Mere Zakhm E Jigar Ko - From "Nagina"

तूने, हो...
तूने, हाए, मेरे ज़ख़्म-ए-जिगर को छू लिया
दूर हूँ मैं तेरी दुनिया से...
दूर हूँ मैं तेरी दुनिया से क्यूँ छूआ दामन मेरा?

तूने, हाए, मेरे ज़ख़्म-ए-जिगर को छू लिया
तूने, हो...

मैं प्यार की चाँदनी रात हूँ
मैं प्यार की चाँदनी रात हूँ
उलझी हुई दर्द की बात हूँ
उलझी हुई दर्द की बात हूँ

तूने, हाए, मेरे ज़ख़्म-ए-जिगर को छू लिया
तूने, हो...

सूना था घर, कोई रहने लगा
सूना था घर, कोई रहने लगा
डर के मगर दिल ये कहने लगा
डर के मगर दिल ये कहने लगा

"तूने, हाए, मेरे ज़ख़्म-ए-जिगर को छू लिया"
तूने, हो...



Credits
Writer(s): Shailendra, Jaikshan Shankar
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