Chand Phir Nikla Magar Tum Na Aaye - From "Paying Guest"

चाँद फ़िर निकला, मगर तुम ना आये
जला फ़िर मेरा दिल करूँ क्या मैं? हाए
चाँद फ़िर निकला, मगर तुम ना आये
जला फ़िर मेरा दिल करूँ क्या मैं? हाए
चाँद फ़िर निकला, मगर तुम ना आये

ये रात कहती है, "वो दिन गए तेरे"
ये जानता है दिल के तुम नहीं मेरे
ये रात कहती है, "वो दिन गए तेरे"
ये जानता है दिल के तुम नहीं मेरे

खड़ी मैं हूँ फ़िर भी निगाहें बिछाये
मैं क्या करूँ हाए के तुम याद आये?
चाँद फ़िर निकला, मगर तुम ना आये
जला फ़िर मेरा दिल करूँ क्या मैं? हाए
चाँद फ़िर निकला, मगर तुम ना आये

सुलगते सीने से धुआँ सा उठता है
लो अब चले आओ के दम घुटता हैं
सुलगते सीने से धुआँ सा उठता है
लो अब चले आओ के दम घुटता हैं

जला गए तन को बहारों के साये
मैं क्या करूँ हाए के तुम याद आये?
चाँद फ़िर निकला, मगर तुम ना आये
जला फ़िर मेरा दिल करूँ क्या मैं? हाए
चाँद फ़िर निकला...



Credits
Writer(s): Majrooh Sultanpuri, S.d. Burman
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