Aaja Re Pardesi

मैं तो कब से खड़ी इस पार
ये अखियाँ थक गई पंथ निहार
आजा रे परदेसी

मैं तो कब से खड़ी इस पार
ये अखियाँ थक गई पंथ निहार
आजा रे परदेसी

मैं दीए की ऐसी बाती
जल ना सकी जो बुझ भी ना पाती
मैं दीए की ऐसी बाती
जल ना सकी जो बुझ भी ना पाती
आ मिल मेरे जीवन साथी

ओ, आजा रे...
मैं तो कब से खड़ी इस पार
ये अखियाँ थक गई पंथ निहार
आजा रे परदेसी

तुम संग जनम-जनम के फेरे
भूल गए क्यूँ साजन मेरे?
तुम संग जनम-जनम के फेरे
भूल गए क्यूँ साजन मेरे?
तड़पत हूँ मैं साँझ-सवेरे

ओ, आजा रे...
मैं तो कब से खड़ी इस पार
ये अखियाँ थक गई पंथ निहार
आजा रे परदेसी

मैं नदिया, फिर भी मैं प्यासी
भेद ये गहरा, बात ज़रा सी
मैं नदिया, फिर भी मैं प्यासी
भेद ये गहरा, बात ज़रा सी
बिन तेरे हर साँस उदासी

ओ, आजा रे...
मैं तो कब से खड़ी इस पार
ये अखियाँ थक गई पंथ निहार
आजा रे परदेसी



Credits
Writer(s): Salil Choudhury
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