Dil Hoom Hoom Kare

दिल हूम-हूम करे, घबराए
घन धम-धम करे, गरजाए
एक बूँद कभी पानी की
मोरी अँखियों से बरसाए

दिल हूम-हूम करे, घबराए

तेरी झोरी डारूँ
सब सूखे पात जो आए
तेरा छुआ लागे
मेरी सूखी डार हरियाए

दिल हूम-हूम करे, घबराए

जिस तन को छुआ तूने, उस तन को छुपाऊँ
जिस मन को लागे नैना, वो किसको दिखाऊँ?
ओ, मोरे, चन्द्रमा, तेरी चाँदनी अंग जलाए
तेरी ऊँची तोर अटारी, मैंने पंख लिए कटवाए

दिल हूम-हूम करे, घबराए
घन धम-धम करे, गरजाए
एक बूँद कभी पानी की
मोरी अँखियों से बरसाए

दिल हूम-हूम करे, घबराए



Credits
Writer(s): Gulzar, Bhupen Hazarika
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