Pyar Hai Ek Nishan Kadmon Ka - Version 2

ये ग़लत है कि मरने वालों को...

ये ग़लत है कि मरने वालों को
ज़िंदगी से निजात मिलती है
ये ग़लत है कि मरने वालों को
ज़िंदगी से निजात मिलती है

इस बहाने से ग़म के मारों को
और लंबी हयात मिलती है

माना, ज़ंजीरें टूट जाती हैं
आदमी फिर भी क़ैद रहता है
भूल जाते हैं लोग सब लेकिन
कुछ ना कुछ फिर भी याद रहता है

प्यार है इक निशान क़दमों का
जो मुसाफ़िर के बाद रहता है



Credits
Writer(s): Anand Bakshi, Rahul Dev Burman
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