Tujhe Bulayen Yeh Meri Bahen

तुझे बुलाए ये मेरी बाँहें
ना ऐसी गंगा कहीं मिलेगी
मैं तेरा जीवन, मैं तेरी किस्मत
के तुझको मुक्ति यही मिलेगी

मेरे ही पास तुझे आना हैं
तेरे ही साथ मुझे जाना हैं
मेरे ही पास तुझे आना हैं
तेरे ही साथ मुझे जाना हैं

गंगा ये तेरी है, फिर कैसी देरी है?
आजा रे, आजा रे, अब आ भी जा
तू आ भी जा, हो, आ भी जा

पहाड़ियों की बुलंदियों से
कभी कनारों की दरमियाँ से
कभी नज़र से, कभी ज़ुबाँ से
तुझे पुकारा कहाँ-कहाँ से

तू जिसकी खोज में आया हैं
वो जिसने तुझको बुलाया हैं
तू जिसकी खोज में आया हैं
वो जिसने तुझको बुलाया हैं

पर्वत के नीचे है, झरने के पीछे है
आजा रे, आजा रे, अब आ भी जा
तू आ भी जा, हो, आ भी जा

कोहरे की चादर लपेटे हूँ
पानी में खुद को समेटे हूँ
कोहरे की चादर लपेटे हूँ
पानी में खुद को समेटे हूँ

बाँहों के घेरे में, मन के बसेरे में
आजा रे, आजा रे, अब आ भी जा
तू आ भी जा, हो, आ भी जा

सुनो तो गंगा ये क्या सुनाए
के मेरे तट पर वो लोग आए
जिन्होंने ऐसे नियम बनाए
के प्राण जाए, पर वचन ना जाए

वादें पे तेरे भरोसा हैं
मैं जानती हूँ तू मेरा हैं
वादें पे तेरे भरोसा हैं
मैं जानती हूँ तू मेरा हैं

जब तक ना आएगा, दिल मेरा गाएगा
आजा रे, आजा रे, ओ साहिबा
ओ साहिबा, हो साहिबा



Credits
Writer(s): Ravindra Jain
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