Kya Tumhe Pata Hai

क्या तुम्हें पता है? क्या तुम्हें पता है?
फूल चमन में खिलता है तो ख़ुशबू भी आती है
फूल जो मुरझाए तो ख़ुशबू कहाँ चली जाती है?

क्या तुम्हें पता है?
हाँ, मुझे पता है
हाँ, मुझे पता है

जिसने फूल को चाहा, ख़ुशबू उसके पास आती है
और चुप के से आ के उसके दिल में बस जाती है

क्या तुम्हें पता है? क्या तुम्हें पता है?
चाँद है इतना दूर, चकोरी कभी पहुँच ना पाए
फिर क्यूँ पगली चाँद के आगे रात-रात मँडराए?

हाँ, मुझे पता है
हाँ, मुझे पता है

चाँद के आगे पगली चकोरी सोच के ये मँडलाए
"कोई संदेसा चाँद का शायद चाँदनी लेके आए"

क्या तुम्हें पता है? क्या तुम्हें पता है?
नदिया बहते-बहते जा के सागर में खोती है
ख़ुद को मिटाने की ये तमन्ना उसमें क्यूँ होती है?

क्या तुम्हें पता है?
हाँ, मुझे पता है
हाँ, मुझे पता है

प्यार की बाज़ी, ऐसी बाज़ी, जो खोए वो पाए
प्रेम-नगर में वो ही बने कुछ, जो पहले मिट जाए

ला-ला-ला, ला-ला-ला
ला-ला-ला, ला-ला-ला
ला-ला, ला-ला-ला
ला-ला-ला, ला-ला-ला

ला-ला-ला, ला-ला-ला
ला-ला-ला, ला-ला-ला
ला-ला-ला, ला-ला-ला
ला-ला-ला-ला-ला-ला



Credits
Writer(s): Javed Akhtar, Raju Singh
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