Tum Mahakti Jawan Chandni Ho

तुम महकती जवाँ चाँदनी हो
चलती-फिरती कोई रोशनी हो
रंग भी, रूप भी, रागिनी भी
जो भी सोचूँ तुम्हें, तुम वही हो
तुम महकती जवाँ चाँदनी हो

नर्म आँचल से छनती ये ख़ुशबू
मेरे हर ख़्वाब पर छा गई है
नर्म आँचल से छनती ये ख़ुशबू
मेरे हर ख़्वाब पर छा गई है
जब भी तुम पर निगाहें पड़ी हैं
दिल में एक प्यास लहरा गई है

तुम तो सच-मुच छलकती नदी हो
चलती-फिरती कोई रोशनी हो
रंग भी, रूप भी, रागिनी भी
जो भी सोचूँ तुम्हें, तुम वही हो
तुम महकती जवाँ चाँदनी हो

जब से देखा है, चाहा है तुमको
ये फ़साना चला है यहीं से
जब से देखा है, चाहा है तुमको
ये फ़साना चला है यहीं से
कब तलक दिल भटकता रहेगा
माँग लूँ आज तुमको तुम्हीं से

तुम तो ख़ुद प्यार हो, ज़िंदगी हो
चलती-फिरती कोई रोशनी हो
रंग भी, रूप भी, रागिनी भी
जो भी सोचूँ तुम्हें, तुम वही हो

तुम महकती जवाँ चाँदनी हो
चलती-फिरती कोई रोशनी हो
रंग भी, रूप भी, रागिनी भी
जो भी सोचूँ तुम्हें, तुम वही हो
तुम महकती जवाँ चाँदनी हो



Credits
Writer(s): Mohammed Zahur Khayyam, Jan Nisar Akhtar
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