Sab Kuchh Seekha Ham Ne

सब कुछ सीखा हम ने, ना सीखी होशियारी
सब कुछ सीखा हम ने, ना सीखी होशियारी
सच है दुनिया वालों कि हम हैं अनाड़ी

दुनिया ने कितना समझाया
कौन है अपना, कौन पराया
फिर भी दिल की चोट छुपाकर
हम ने आपका दिल बहलाया

खुद ही मर मिटने की ये ज़िद है हमारी
खुद ही मर मिटने की ये ज़िद है हमारी
सच है दुनिया वालों कि हम हैं अनाड़ी

दिल का चमन उजड़ते देखा
प्यार का रंग उतरते देखा
हम ने हर जीने वाले को
धन-दौलत पे मरते देखा

दिल पे मरने वाले मरेंगे भिखारी
दिल पे मरने वाले मरेंगे भिखारी
सच है दुनिया वालों कि हम हैं अनाड़ी

असली-नक़ली चेहरे देखे
दिल पे १००-१०० पहरे देखे
मेरे दुखते दिल से पूछो
क्या-क्या ख़्वाब सुनहरे देखे

टूटा, जिस तारे पे नज़र थी हमारी
टूटा, जिस तारे पे नज़र थी हमारी
सब कुछ सीखा हम ने, ना सीखी होशियारी
सच है दुनिया वालों कि हम हैं अनाड़ी



Credits
Writer(s): Panchal Jaikishan, Shailendra, R S Shankar Singh
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