Saawan Teri Yaadon Ka

झूम के जब भी छा जाता है
सावन तेरी यादों का
झूम के जब भी छा जाता है
सावन तेरी यादों का

ज़ख़्म-ए-दिल महका जाता है
सावन तेरी यादों का

जज़्बा-ए-इश्क़ सलामत हो तो
कोई रुत की क़ैद नहीं
जज़्बा-ए-इश्क़ सलामत हो तो
कोई रुत की क़ैद नहीं

बे-मौसम भी आ जाता है
सावन तेरी यादों का

आँसू भी नाकाम रहे हैं
अब तक जिसे बुझाने में
आँसू भी नाकाम रहे हैं
अब तक जिसे बुझाने में

ऐसी आग लगा जाता है
सावन तेरी यादों का

सूनी-सूनी सी रातों में
जागी-जागी आँखों को
सूनी-सूनी सी रातों में
जागी-जागी आँखों को

प्यासे ख़्वाब दिखा जाता है
सावन तेरी यादों का
झूम के जब भी छा जाता है
सावन तेरी यादों का



Credits
Writer(s): Naqsh Lyallpuri, Sapan Chakravorty
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