Maine Har Baar Mohabbat Mein Qasam Khai Hai

मैंने हर बार मुहब्बत में क़सम खाई है
मैंने हर बार मुहब्बत में क़सम खाई है
मैं मुहब्बत ना करूँगा कभी फिर
आज के बाद, आज के बाद

मैंने हर बार मुहब्बत में क़सम खाई है
मैं मुहब्बत ना करूँगा कभी फिर
आज के बाद, आज के बाद

दिल से लब तक जो ना आए, इन्हीं नालों की क़सम
निगाह-ए-यास के ख़ामोश सवालों की क़सम
तेरी फ़ितरत के परेशान हवालों की क़सम

मैं शिकायत ना करूँगा कभी फिर
आज के बाद, आज के बाद

दूर सागर में तड़पता हुआ गहरा पानी
आबशारों से फिसलता हुआ बिखरा पानी
नीली आँखों में मचलता हुआ निखरा पानी

इनकी चाहत ना करूँगा कभी फिर
आज के बाद, आज के बाद

फूल रौंदे हुए, मसली हुई कलियाँ मजबूर
चेहरे धुँधलाए से, बुझती हुई आँखें बेनूर
आज तक जिनसे मुहब्बत ना थी मुझको मंज़ूर

उनसे नफ़रत ना करूँगा कभी फिर
आज के बाद, आज के बाद
मैंने हर बार मुहब्बत में क़सम खाई है
मैं मुहब्बत ना करूँगा कभी फिर
आज के बाद, आज के बाद



Credits
Writer(s): Sapan Chakravorty, Khalish Dehlvi
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