Shagufta

कलियों जैसा रंग शगुफ़्ता
फूलों जैसी काया है
कलियों जैसा रंग शगुफ़्ता
फूलों जैसी काया है

नींदें उड़ गईं सब लोगों की
नींदें उड़ गईं सब लोगों की
जब से वो शहर में आया है
जब से वो शहर में आया है

कलियों जैसा रंग शगुफ़्ता

उसके चेहरे की नर्मी से फूल जवानी माँगें
उसकी रोशन आँखों से रातें भी कहानी माँगें
चलने का अंदाज़ है वो, मौजें भी रवानी माँगें
सब की आँखों में वो रंगीं सपना बनकर छाया है

नींदें उड़ गईं सब लोगों की
जब से वो शहर में आया है
जब से वो शहर में आया है

कलियों जैसा रंग शगुफ़्ता

लोगों का तो काम है ये, शोलों को हवा देते है
छोटी-छोटी बातों का अफ़साना बना देते हैं
वो जिस रस्ते से भी गुज़रे उसको सदा देते हैं
वो घर से कम ही निकले, ये हमने उसे समझाया है

नींदें उड़ गईं सब लोगों की
जब से वो शहर में आया है
जब से वो शहर में आया है

कलियों जैसा रंग शगुफ़्ता

मेरे हाथों में है जैसे उसके हाथों की ख़ुशबू
मेरी तनहाई में जैसे उसकी बातों की ख़ुशबू
मेरे शेरों में है जैसे उसके साँसों की ख़ुशबू
उसके लिए हैं ग़ज़ल-ए-नज़्में, शायर जिसने बनाया है

नींदें उड़ गईं सब लोगों की
जब से वो शहर में आया है
जब से वो शहर में आया है

कलियों जैसा रंग शगुफ़्ता
फूलों जैसी काया है

नींदें उड़ गईं सब लोगों की
नींदें उड़ गईं सब लोगों की
जब से वो शहर में आया है
जब से वो शहर में आया है

कलियों जैसा रंग शगुफ़्ता
कलियों जैसा रंग शगुफ़्ता

कलियों जैसा रंग शगुफ़्ता



Credits
Writer(s): Pankaj Udhas, Sheikh Adam Aboowala
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