Aanchal Men Saja Lena

आँचल में सजा लेना कलियाँ
ज़ुल्फ़ों में सितारे भर लेना
ऐसे ही कभी जब शाम ढले
तब याद हमें भी कर लेना
आँचल में सजा लेना कलियाँ

आया था यहाँ बेगाना सा, आया था यहाँ बेगाना सा
चल दूँगा कहीं दीवाना सा, चल दूँगा कहीं दीवाना सा
दीवाने की खातिर तुम कोई इल्ज़ाम ना अपने सर लेना

ऐसे ही कभी जब शाम ढले
तब याद हमें भी कर लेना
आँचल में सजा लेना कलियाँ

रस्ता जो मिले अंजान कोई, रस्ता जो मिले अंजान कोई
आ जाए अगर तूफ़ान कोई, आ जाए अगर तूफ़ान कोई
अपने को अकेला जान के तुम आँखों में न आँसू भर लेना

ऐसे ही कभी जब शाम ढले
तब याद हमें भी कर लेना
आँचल में सजा लेना कलियाँ
ज़ुल्फ़ों में सितारे भर लेना
आँचल में सजा लेना कलियाँ



Credits
Writer(s): Onkar Prasad Nayyar, Majrooh Sultanpuri
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