Aadmi Sadak Ka

कोई काम नहीं हैं मुश्किल
जब किया इरादा पक्का
कि मैं हूँ आदमी सड़क का
कि मैं हूँ आदमी सड़क का

कोई काम नहीं हैं मुश्किल
जब किया इरादा पक्का
कि मैं हूँ आदमी सड़क का
कि मैं हूँ, मैं हूँ, मैं हूँ...
मैं हूँ आदमी सड़क का

मोहब्बत मेरा धर्म-ईमान है
मोहब्बत मेरा धर्म-ईमान है
मेरी ज़ात तो सिर्फ़ इंसान है

वो ही जिसने बनाएँ हैं दोनों जहाँ
वो ही जिसने बनाएँ हैं दोनों जहाँ
वो मेरा राम है, मेरा रहमान है

सर झुका तो देखी काशी
और सजदा किया तो मक्का
कि मैं हूँ आदमी सड़क का
कि मैं हूँ, मैं हूँ, मैं हूँ...
मैं हूँ आदमी सड़क का

कोई काम नहीं हैं मुश्किल
जब किया इरादा पक्का
कि मैं हूँ आदमी सड़क का
कि मैं हूँ आदमी सड़क का

पीछे हट जाऊँ, ये मैंने सीखा नहीं
पीछे हट जाऊँ, ये मैंने सीखा नहीं
होगी मंज़िल कहाँ, ये भी सोचा नहीं

जब बढ़ा हौसला, घट गया फ़ासला
जब बढ़ा हौसला, घट गया फ़ासला
रोकने से किसी के मैं रुकता नहीं

हिम्मत ही मेरा टांगा
हिम्मत ही मेरा इक्का
कि मैं हूँ आदमी सड़क का
कि मैं हूँ, मैं हूँ, मैं हूँ...
मैं हूँ आदमी सड़क का

कोई काम नहीं हैं मुश्किल
जब किया इरादा पक्का
कि मैं हूँ आदमी सड़क का
कि मैं हूँ आदमी सड़क का

एक सड़क है ये इंसान की ज़िंदगी
एक सड़क है ये इंसान की ज़िंदगी
इसके हर मोड़ पर मिलते ग़म और ख़ुशी

जो भी घबराया, वो रह गया राह में
जो भी घबराया, वो रह गया राह में
और गया जो, उसी को है मंज़िल मिली

ठोकर को मारी ठोकर
धक्के को मारा धक्का
कि मैं हूँ आदमी सड़क का
कि मैं हूँ, मैं हूँ, मैं हूँ...
मैं हूँ आदमी सड़क का

कोई काम नहीं हैं मुश्किल
जब किया इरादा पक्का
कि मैं हूँ आदमी सड़क का
कि मैं हूँ आदमी सड़क का



Credits
Writer(s): Ravindra Jain, Varma Malik
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