Chamka Pasina Ban Ke Nagina

चमका पसीना बनके नगीना

चमका पसीना बनके नगीना
काली रात बीती, रे काली रात बीती
काली रात बीती, रे काली रात बीती
मेहनत जीती, रे मेहनत जीती

चमका पसीना बनके नगीना
काली रात बीती, रे काली रात बीती
काली रात बीती, रे काली रात बीती
मेहनत जीती, रे मेहनत जीती

गाओ रे, गाओ, खुशियाँ मनाओ...
गाओ रे, गाओ, खुशियाँ मनाओ, अब हमको डर कैसा
अपने हाथों अपना नसीबा, लिख लो चाहे जैसा

काम का दूजा नाम नसीबा
काम से कर लो प्रीती

चमका पसीना...
ए, चमका पसीना बनके नगीना
काली रात बीती, रे काली रात बीती
मेहनत जीती, रे मेहनत जीती

महकी हैं गलियाँ, होंठों पे कलियाँ...
महकी हैं गलियाँ, होंठों पे कलियाँ, आँखों में लाखों बातें
घड़ियाँ सुहानी, भीगे जवानी, प्यार की ये बरसातें

साथ दिया है सब ने हमारा
बाज़ी कभी तो जीती

चमका पसीना...
चमका पसीना बनके नगीना
काली रात बीती, रे काली रात बीती
मेहनत जीती, रे मेहनत जीती

अब लाखों की मेहनत का फल...
अब लाखों की मेहनत का फल एक ना खा पाएगा
बढ़ने का मौक़ा, जीने का अवसर सबको दिया जाएगा

हट जाए दुनिया से ग़रीबी
अपनी है ये नीति

चमका पसीना...
चमका पसीना बनके नगीना
काली रात बीती, रे काली रात बीती
मेहनत जीती, रे मेहनत जीती

मेहनत जीती, रे मेहनत जीती
मेहनत जीती, रे मेहनत जीती



Credits
Writer(s): Jaikshan Shankar, Indeewar
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