Meri Baat Rahi Meri Man Men

मेरी बात रही मेरे मन में
कुछ कह ना सकी उलझन में

मेरी बात रही मेरे मन में
कुछ कह ना सकी उलझन में
मेरी बात रही मेरे मन में
कुछ कह ना सकी उलझन में

मेरे सपने अधूरे, हुए नहीं पूरे
आग लगी जीवन में
मेरी बात रही मेरे मन में
कुछ कह ना सकी उलझन में

ओ, रसिया, मनबसिया
नस-नस में हो तुम ही समाए
मेरे नैना करे बहना
मेरा दर्द ना तुम सुन पाए

जिया मोरा प्यासा रहा सावन में
मेरी बात रही मेरे मन में
कुछ कह ना सकी उलझन में

कुछ कहते, कुछ सुनते
क्यूँ चले गए दिल को मसल के?
मेरी दुनिया हुई सूनी
बुझा आस का दीपक जल के

छाया रे अँधेरा मेरी अखियन में
मेरी बात रही मेरे मन में
कुछ कह ना सकी उलझन में

तुम आओ कि ना आओ
पिया, लाग तुम्हारी मेरे संग है
तुम्हें कैसे ये बताऊँ?
मेरी प्रीत का निराला एक रंग है

लागा हो ये नेह जैसे बचपन में
मेरी बात रही मेरे मन में
कुछ कह ना सकी उलझन में
मेरे सपने अधूरे, हुए नहीं पूरे
आग लगी जीवन में

मेरी बात रही मेरे मन में
कुछ कह ना सकी उलझन में
मेरी बात रही मेरे मन में
कुछ कह ना सकी उलझन में



Credits
Writer(s): Shakeel Badayuni, Kumar Hemant
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