Ae Baad E Saba Ahista Chal

ऐ बाद-ए-सबा, आहिस्ता चल
यहाँ सोई हुई है अनारकली
आँखों में जल्वे सलीम के लिए
खोई हुई है अनारकली

है शहीद-ए-इश्क़ का मक़बरा
ज़रा चल अदब से यहाँ हवा
तुझे याद हो कि ना याद हो
मुझे याद है उस का माजरा

अभी याद है वो घड़ी
जब किसी की उस पे नज़र पड़ी
यहाँ हुस्न था, वहाँ ताज था
यहाँ इश्क़ था, वहाँ राज था

ये कहा सलीम ने प्यार से
हँस-हँस के अपनी अनार से
"तू कहे तो तारों को तोड़ लूँ
तू कहे तो ताज भी छोड़ दूँ"

ज़रा देख ये क्या हवा चली
ना रहा सलीम, ना वो कली
ये मज़ार निशानी है प्यार की
किसी दर्द भरे इक़रार की

किसी भँवरे के इंतज़ार में
यहाँ सोई है कली अनार की
ऐ बाद-ए-सबा, आहिस्ता चल



Credits
Writer(s): Rajinder Krishan, Chitalkar Ramchandra
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