Na Yeh Zameen Thi Na Aasman Tha

ना ये ज़मीं थी, ना आसमाँ था
ना चाँद-तारों का ही निशाँ था
मगर ये सच है कि उन दिनों भी
तेरा-मेरा प्यार यूँ ही जवाँ था

ना ये ज़मीं थी, ना आसमाँ था
ना चाँद-तारों का ही निशाँ था
मगर ये सच है कि उन दिनों भी
तेरा-मेरा प्यार यूँ ही जवाँ था
ना ये ज़मीं थी, ना आसमाँ था...

चले कहाँ से, कहाँ पे आए
ख़ुमार बनके जहाँ पे छाए

चले कहाँ से, कहाँ पे आए
ख़ुमार बनके जहाँ पे छाए
निभाई रस्म-ए-वफ़ा कुछ ऐसे
मोहब्बतों के चमन खिलाए

ना कैसे आसान होती मंज़िल?
हर एक अरमान नौजवाँ था

ना ये ज़मीं थी, ना आसमाँ था
ना चाँद-तारों का ही निशाँ था
मगर ये सच है कि उन दिनों भी
तेरा-मेरा प्यार यूँ ही जवाँ था
ना ये ज़मीं थी, ना आसमाँ था...

हमीं ने तारों को रोशनी दी
हमीं ने फूलों को ताज़गी दी

हमीं ने तारों को रोशनी दी
हमीं ने फूलों को ताज़गी दी
जिधर से गुज़रे, जहाँ भी ठहरे
हर एक ज़र्रे को ज़िंदगी दी

कुछ इसमें दिल की तड़प थी शामिल
ख़ुदा भी कुछ हम पे मेहरबाँ था

ना ये ज़मीं थी, ना आसमाँ था
ना चाँद-तारों का ही निशाँ था
मगर ये सच है कि उन दिनों भी
तेरा-मेरा प्यार यूँ ही जवाँ था
ना ये ज़मीं थी, ना आसमाँ था...

नज़र में फूलों-भरी हैं राहें
ख़ुशी से रंगीन हैं निगाहें

नज़र में फूलों-भरी हैं राहें
ख़ुशी से रंगीन हैं निगाहें
सुनो, वो कुछ कह रही है हमसे
बहार फैला के अपनी बाँहें

इधर से गुज़रोगे एक दिन तुम
नसीब ऐसा मेरा कहाँ था

ना ये ज़मीं थी, ना आसमाँ था
ना चाँद-तारों का ही निशाँ था
मगर ये सच है कि उन दिनों भी
तेरा-मेरा प्यार यूँ ही जवाँ था
ना ये ज़मीं थी, ना आसमाँ था...



Credits
Writer(s): Rajinder Krishan, Ravi Shankar
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